Orangzaib February 16, 2024

करनाल में 3 घंटे फ्री टोल, किसानों ने वाहनों को बिना टैक्स के निकलवाया, किसानों के साथ सर्व कर्मचारी महासंघ

Karnal toll: करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा और प्यौंत टोल प्लाजा दोनों पर किसान ने 12 से 3 बजे तक धरना दिया और यहां से गुजर रहे वाहनों को बिना टोल टैक्स दिए निकलवाए। भारत बंद के आह्वान के बीच करनाल में आज 3 घंटे टोल प्लाजा फ्री किया कर दिया गया है।

सर्व कर्मचारी महासंघ ने दिया किसानों का साथ

करनाल में आज भारत बंद का असर भी दिखाई दिया। सर्व कर्मचारी महासंघ द्वारा किसानों के भारत बंद का सर्मथन दिया है। इस बीच भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी करनाल के बसताड़ा टोल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांगें मान ले। किसानों की मांगें सही हैं। बॉर्डर ऐसा बना दिया जैसे कोई हो जंग। चढूनी ने SKM के नेताओं पर भी निशाना साधा और कहा कि हम किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं। वहा इसलिए नही गए, कि कोई बुलाएगा तो जाएंगे। लोग आरोप लगाते हैं कि राजनीति करते हैं, लेकिन SKM के नेता जब बनाए थे वो भी राजनीति करते थे। हमारा समर्थन है, लेकिन अगर बुलाएंगे तो जाएंगे। बाकी आगे की आगे देखेंगे।

किसानों को राजनीति का हिस्सा बनाने का आह्वान

चढूनी ने एक बार फिर किसानों को राजनीति का हिस्सा बनने का आह्वान किया। चढूनी ने कहा कि अगर किसान राजनीति में किसी पद पर नहीं होगा, तब तक उसे अपना हिस्सा नहीं मिलेगा। किसान अपना नेता चुनकर लोकसभा या विधानसभा में भेजे, ताकि वह किसानों की आवाज बने। अगर किसी किसान नेता को वोट नहीं देना चाहते तो किसी ऐसे नेता को वोट दे दो, जो किसानों की मांगों को पूरा करने का पक्का वायदा करता हो।

किसान नेता डल्लेवाल पर दिया बयान

जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मोदी की लोकप्रियता को लेकर बयान दिया, जिस पर चढूनी ने कहा कि किसान आंदोलन किसानों की मांगों को लेकर है और पूरे देश का किसान डल्लेवाल के पीछे नहीं है, आंदोलन में तो 20 किसान नेता ओर बैठे हुए है, एक व्यक्ति के बयान को इतना ज्यादा हाईलाइट नहीं करना चाहिए।

ट्रैक्टर मार्च पर किसानों से की ये अपील

उन्होंने कहा कि 17 फरवरी को हरियाणा के सभी तहसील स्तर पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इसलिए किसानों से आह्वान है कि कोई भी किसान ट्रेक्टर के साथ गांव में न बैठा रहे, इस आंदोलन में हिस्सा ले और किसानों की आवाज को उठाए और यह ट्रेक्टर मार्च शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाएगा। किसान आंदोलन के अंदर शरारती तत्वों की एंट्री के सवाल पर चढूनी ने कहा कि यह सरकार को देखना है और सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जांच करें।

उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन करने वाले किसान नेताओं की और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच बैठके हुई है, लेकिन क्या कुछ नतीजा रहा है इसके बारे में वे ही नेता ज्यादा जानते है लेकिन बात सिरे नहीं लग पाई है। अब 18 फरवरी को दोबारा बैठक होने की जानकारी मिली है। अगर कोई बुलाएगा तो हम जाएंगें।

चढूनी से पूछा गया कि अगर आप होते तो क्या अब तक दिल्ली कूच कर जाते, तो चढूनी ने कहा कि मैं कोई खुदा नहीं हूं और न ही मैं इतना बलशाली नहीं हूं कि दिल्ली कूच कर जाऊं। वह तो परमात्मा की मर्जी है कि क्या हो सकता था और क्या नहीं हो सकता था। चढूनी से पूछा गया कि अगर किसान दिल्ली कूच कर जाते है तो क्या आप जाओगे, चढूनी ने जवाब दिया कि अगर कोई लेकर जाएगा तो मैं जाऊंगा।

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