छत पर उगाया रंग बदलने वाला आसमानी फल, अब सिर्फ बीज से लाखों रुपये कमा रहा ये किसान
Agro Haryana, New Delhi साल 2018 में केरल में आए बाढ़ के बीच जोजो पुनक्कल को अपने घर के आंगन में एक रहस्यमयी बीज मिला. यह बीज देखने में आम बीजों से बिल्कुल अलग था. जोजो ने बीज को अपने घर की छत पर एक गमले में उगाया.
जब बीज पौधा बनाकर बड़ा हुआ और उसमें फल आए तो जोजो हैरान रह गया. वो रहस्यमयी बीज Gac फ्रूट के थे. जोजो ने गमले में एक विदेशी फल का पेड़ उगा लिया.
फल जो खासतौर पर वियतनाम, कोलंबिया और थाईलैंड में उगाया जाता है. जोजो ने उसे अपने घर की छत पर उगा लिया. आज जोजो के छत पर इस फल के 30 से ज्यादा पौधे हैं, जिससे वो लाखों कमा रहे हैं.
चार बार रंग बदलने वाला फल
तरबूज के आकार का यह फल बाहर से कांटेदार और रंगीन होता है. Gac फ्रूट बेहद चमकदार, रेडिश-ऑरेंज रंग वाला विदेशी फल है, जिसके बारे में भारत में बहुत कम लोग जानते हैं. इस फल की खासियत है कि यह पकते-पकते यह चार बार रंग बदलता है. जब ये सूर्ख लाल हो जाता है तो इसे तोड़ लिया जाता है.
कच्चे में इसे सब्जियों की तरह इस्तेमाल करते हैं. फल की बात करें तो इसमें बीटा कैरोटीन के साथ ओमेगा 6 और 3 फैटी एसिड होता है, जिसकी वजह से इसे फ्रूट ऑफ हैवेन ‘आसमानी फल’ कहते हैं.
1200 रुपये किलो
Gac फ्रूट की कीमत 900 से 1200 रुपये प्रति किलो के बीच होती है. इसमें मौजूद गुणों के चलते लोग इसे हाथों-हाथ खरीद लेते हैं. इसका फल अंदर से नारंगी होता है, जिसमें काले रंग के बीज होते हैं।
इसे चाइनीज बिटर कुकुम्बर या स्पाइनी गोवार्ड के नाम से भी बुलाते हैं. चीन और वियतनाम में इसका इस्तेमाल पारंपरिक दवाईओं में होता है. औषधीय गुणों के कारण इस फल को ‘फ्रूट ऑफ हैवन’ कहते हैं.
बीज बेचकर 2 लाख की कमाई
जोजो इस आसमानी फल को बेचने के ज्यादा उसके बीजों की सेल पर जोर देते हैं. सिर्फ बीज बेचकर वह सालाना 2 लाख रुपये तक कमा लेते हैं.
इस फल का इस्तेमाल कई तरह की दवाईयों में किया जाता है. पत्तियों के इस्तेमाल से त्वचा और आंख से संबंधित बीमारियों के इलाज में होता है तो फल का इस्तेमाल स्किन क्रीम्स, साबुन, जैम और तेल बनाने में होता है.
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