सूरजकुंड मेले में चार चांद लगा रहा दक्षिण अफ्रीका का स्टॉल, आर्टिफिशियल ज्वैलरी और मास्क लोगों को आ रहे पसंद
Surajkund: दक्षिण अफ्रीका के घाना में बने लकड़ी के मास्क घर की दीवार की शोभा बढ़ा सकते हैं। साथ ही पर्स और चप्पल भी लोगो द्वारा बेहद पसंद की जा रही है। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले में घाना से आई हस्तशिल्पी फ़ेलिसिया ने यह मास्क उनकी संस्कृति को दर्शाते हुए बनाए हैं। अधिकतर मास्क पर उनके देवी देवता बने हुए हैं।
मसालेदार भोजन आ रहा है पसंद
जो घाना वासी पहली बार भारत आए हैं और उन्हें बहुत ही स्नेह मिल रहा है। इसके अलावा यहां का मसालेदार भोजन भी पसंद आ रहा है। यह उनके यहां की महिलाएं तैयार करती हैं और दो दिन में एक मास्क तैयार होता है। उनके पास 100 रुपए से लेकर 10 हज़ार तक का समान मिल रहा है।
खूबसूरत मास्क बढ़ा रहे है शोभा
उनके मास्क यह घर की शोभा बढ़ाने के साथ बुरी नजर से बचाने का भी काम करते हैं। यह मास्क एबोनी, महोगन, शीशम, टीक सहित कई तरह की लकड़ी बने हुए हैं। मास्क के ऊपर लगी पीतल की परत मास्क की शोभा को कई गुना कर देता है।
आर्टिफिशियल ज्वैलरी आ रही पसंद
फ़ेलिसिया ने कहाँ कि वे लोग आर्टिफिशियल आभूषण भी लेकर आए हैं। सूरजकुंड मेले में आने वाली महिलाएं इन आभूषण में विशेष रुचि दिखा रही हैं। यह सभी आभूषण पत्थर से तैयार किए गए हैं और उन पर रंग भर कर आकर्षक बनाया गया है।
100 से लेकर 10 हजार रुपए तक का सामान मौजूद
उनका कहना है कि वे अपने यहाँ की लकड़ियों से बनी कुर्सियाँ भी लेकर आई है जिसकी क़ीमत 10 हज़ार रुपए रखी गई है। लोगो द्वारा सभी चीज़ बेहद पसंद किया जा रहा है।
उनके पास असली मोतियों के भी आभूषण हैं। उन्होंने बताया कि घाना के मोती अन्य देशों के मुकाबले अधिक चमकदार होते हैं। यह चमक 20 वर्षों तक बरकरार रहती है। इसके अलावा घाना के मोती अन्य देशों के मोटे भी होते हैं।