haryanafastnews.com January 28, 2024

TIGER DEHSHAT: रेवाड़ी के कई गांव में बाघ की दहशत को वन विभाग ने बताया अफवाह, कहा- दूसरे जानवर के हैं पंजे के निशान

TIGER DEHSHAT: रेवाड़ी के कई गांव में बाघ की दहशत को वन विभाग ने बताया अफवाह, कहा- दूसरे जानवर के हैं पंजे के निशान

TIGER DEHSHAT: रेवाड़ी गांव नांगल जमालपुर और निमोठ में बाघ की दहशत को वन विभाग की ओर से महज अफवाह बताया जा रहा है। विभाग का कहना है कि ग्रामीणों ने जो पंजे देखे हैं वह बाघ के नहीं है। हालांकि इससे पहले ततारपुर खालसा,  भटसाना, खरखड़ा और जड़थल गांव में बाघ देखा जा चुका है।

हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव नांगल जमालपुर और निमोठ में बाघ को लेकर ग्रामीण दहशत में आ चुके हैं। दरअसल, अफवाह फैलाई गई है कि यहां पर बाघ आया है। पंजों के निशान की भी बात कही जा रही है। हालांकि, अभी वन विभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की है। वन विभाग का कहना है कि यह केवल अफवाह है, जो पंजों के निशान मिले भी हैं, वह बाघ के नहीं है। अन्य जानवरों के हैं।

एक सप्ताह पहले भटसाना पहुंचा था बाघ

राजस्थान से जिस रास्ते से पिछले सप्ताह बाघ भटसाना पहुंचा था, अगले दिन बाघ सुबह उसी रास्ते से पहले गांव खरखड़ा के खेतों में वापस आया और फिर रविवार को भी उसी रास्ते में पड़ने वाले गांव भटसाना तक पहुंच गया। हालांकि, सोमवार सुबह भटसाना में ही बाघ के होने की जानकारी मिली थी लेकिन दोपहर बाद उसकी लोकेशन ट्रैक नहीं हो पाई।

देर शाम वन विभाग की टीमों के पास सूचना पहुंची थी कि बाघ राजस्थान और रेवाड़ी सीमा पर पड़ने वाले गांव बूढ़ी बावल में देखा गया है। धारूहेड़ा में घुसने के बाद ये बाघ चार दिनों के अंदर चार गांवों में लोकेशन बदल चुका था। इनमें ततारपुर खालसा, भटसाना, खरखड़ा और जड़थल गांव शामिल थे।

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